pawanpagal

................Right from the Heart!!

बुधवार, 22 दिसंबर 2010

३५(११६) क्या खता

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मैं तो तुम्हारी हर ख़ुशी में शामिल था फिर मुझे इतना बेगाना क्यों कर दिया ? नज़र जो मिली तुमसे,उन नज़रों में, मैं न था मेरी मोहब्बत को, ख़ाक म...

३४(११५)पंछी उड़ गये

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होश उड़ गये,पंछी उड़ गये जो जकड़े हुए थे बँधनों से बँधनों से मुक्त होगये पर पीछे उदास चेहरे छोड़ गये | जाने वाले फिर लोट के न आयें जो जाना सब ...

३३(११४)किनारे लगी नाव

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जिंदगी एक नाव है जो हर दाव पर चलती दूसरे किनारे पे लगने की उम्मीद में कभी हिचकोले लेकर चलती कभी जोर-शोर से चलती | किनारे तो अ...

३२(११३) हाले-दिल

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जो खिलते बेशुमार फूल हसरतों के जी भर के मुस्करा तो लेते| कोई हमारा होता,हम भी होते किसी के ख़ुशी से एक दूसरे को अपना लेते | जो नशे में न रहत...

३१(११२) गोविन्द ललक

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गोविन्द म्हारा श्याम्धनी चितचोर --२ मेंह तो थांकी बाट देखां नितभोर गोविन्द म्हारा------------------ थे म्हांने चाहो, मेंह थानें चावां -----...

३०(१११) तडफ

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उनको रुलाने के सिवा कुछ भी नहीं आता हमको उनको मनाने के सिवा कुछ भी नहीं आता वो रुलातें रहें,हम मनातें रहें जिंदगी भर हमें नचाते रहें! उनको ...

२९(११०)तरसती आरज़ू

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जो नज़र भर के देखा उनको,दिल बाग-बाग होगया पर उधर से जो माकूल जवाब न आया,तो दिल तार-तार होगया मैंने इस तरह,दिल टूटने की उम्मीद न की थी जो दुबा...
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