pawanpagal
................Right from the Heart!!
शुक्रवार, 26 नवंबर 2010
(६९)आनंद
जितनी भी मन में,बातें आरही हैं
या-- जा-- रही हैं
आनें दो, जानें दो
पर मानों मत |
ये है 'आनंद'
पर ये है क्या ?
वर्तमान में जीना
बल्की इस पल में जीना |
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