जो मेरे हिस्से में तुम आयीं,वो मेरा ही नसीब था
मैंने तुम्हे चाहा,तुमने नहीं,वो मेरा ही नसीब था
अकेला ही बसर करूँ जिंदगी,वो मेरा ही नसीब था
मर-मिटूँ अपनों की याद में,वो मेरा ही नसीब था |
जो दिल से किसी का साथ न मिले,तो अकेलापन ही अच्छा है
हजारों खुदगर्ज मिलें,इससे तो आदमी अकेला ही अच्छा है
जिन फूलों से खुशबु न मिले,उन फूलों का न होना ही अच्छा है
जो जन्नतों में भी सुख न मिले,ऐसी जन्नतों का न होना ही अच्छा है |
चमकता चाँद अच्छा लगता है,टूटा तारा सुकून देता है
कभी अचानक चमक के साथ टूटना,बड़े खतरे का संकेत देता है
टूट कर बिखरना ,ख्वाइश थी बिखर कर जर्रे-जर्रे में समाना
खूब देखें हैं गमें जिंदगी के दोर,अब हमें जी भरके देखे जमाना |
नादानियों में लिए फैसले,बेमतलबी होते हैं
जो समझदारी ही होती,फैसले गोर-मतलबी होते |
शुकुने -इश्क, बे-शुकुनी नहीं देख सकता
बे-शुकुनी इश्क,शुकुने -इश्क नहीं देख सकता
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