सोमवार, 22 नवंबर 2010

(५४)मौन प्रचार

परिवार नियोजन का मौनं प्रचार करने चले
कुछ नये आधुनिक,सस्ते-सुंदर तरीके सोचने चले|
लोगों की शर्ट पर बने दिल को
तीर से चीरता हुआ मत दिखाओ
दिल को सजीव ही दिखाओ|
शर्ट पर दिल की जगह ,लाल त्रिकोण बनाओ|
गले में लोकिट की जगह,कानों में झुमकों की जगह
माथे पर टीके की जगह,हाथों में दस्तबंद की जगह
सिर्फ लाल त्रिकोण का डिजाईन अपनाओ
ओंर मुफ्त में वेल एडवांस'उपाधी का सम्मान भोगो|
खाना परोसते समय भी तुम दो व दो के बाद
कभी नहीं का नारा मत भूलो
दो बार ही परोसो,दो के बाद कभी नहीं
खाने में बचत होगी,ओंर मोंन प्रचार भी होगा|
बस,रेल,सिनेमा या बारात की विदाई में
अगर किसी को रुपये देने हों तो
उलटे त्रिकोण की शक्ल बना कर ही दो
परिवार-नियोजन का मौनं प्रचार होगा|
घर में रोटी बनानें में कमी करो
शादी-ब्याह में पूड़ियाँ बिलकुल भी मत बनाओ
इन सब की जगह तिकोने पंरांठे बनाओ
सभी व्यंजन तिकोने बर्तन में परोसे हुए हों
ओंर सभी का आकार समोंसे से मिलता-झूलता हो
परिवार-नियोजन का मौनं प्रचार होगा|
फक्कड़ हो तो शादी कर लो
घर में सोच समझ कर थोड़ी आबादी कर लो
मिल कर गाना गाओ ------
एक से दो भले,दो से भले चार,पर याद रखो
अगर इससे आगे बढ़े तो होगा,उस फेमस नारे पर
होगा अत्याचार (हम दो-हमारे दो) |
वन,टू, थ्री,पर इससे आगे मत हों फ्री
एक को मानो कोमा
दो को अर्धविराम ओंर
"पवन पागल" तीन को मानो पूर्ण विराम |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें