जो कल होगा,खुदा जाने
जो कल हो गया,उसकी हम जानें
अभी जो हो रहा है,उससे हम हैं अनजान
इस पल में जी लो,आगे की खुदा जाने |
क्यों बेवजह फ़िक्र करते हो दीवाने
अक्सर यूँ ही जलते रहतें हैं,परवाने
अपने आप को मन से पहचानें
उसको पकडे रहो,बाकी की राम जाने |
क्यों छेड़ते हो कल के अफसाने ?
आज की बात के, बहुत हैं मायने
जो छूटगएँ हैं,मयखानें में पैमाने
उन्हें वहीँ छोड़ होजाओ रब के दीवाने |
इश्क में चोट लगती है,जाने-अनजाने
शमा जलती रहे,झुलस जायेंगे परवानें
मुस्तेद रहो,कामयाबी के परचम फहराने
सिल-सिला ख़तम न हो,आगे की अल्लाह जाने |
याद रहे,हम यंहां आयें हैं,मरनें
बचा सकते हो तो,बचालो डूबते शफ़िने
अनमोल जिंदगी में"पवन पागल" जड़ दो नगीनें
वक़्त की कमी है,कल क्या होगा,खुदा जाने |
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