Mere Dil Se.....

शनिवार, 20 नवंबर 2010

(48) खुदा जाने

जो कल होगा,खुदा जाने
जो कल हो गया,उसकी हम जानें
अभी जो हो रहा है,उससे हम हैं अनजान
इस पल में जी लो,आगे की खुदा जाने |
क्यों बेवजह फ़िक्र करते हो दीवाने
अक्सर यूँ ही जलते रहतें हैं,परवाने
अपने आप को मन से पहचानें
उसको पकडे रहो,बाकी की राम जाने |
क्यों छेड़ते हो कल के अफसाने ?
आज की बात के, बहुत हैं मायने
जो छूटगएँ हैं,मयखानें में पैमाने
उन्हें वहीँ छोड़ होजाओ रब के दीवाने |
इश्क में चोट लगती है,जाने-अनजाने
शमा जलती रहे,झुलस जायेंगे परवानें
मुस्तेद रहो,कामयाबी के परचम फहराने
सिल-सिला ख़तम न हो,आगे की अल्लाह जाने |
याद रहे,हम यंहां आयें हैं,मरनें
बचा सकते हो तो,बचालो डूबते शफ़िने
अनमोल जिंदगी में"पवन पागल" जड़ दो नगीनें
वक़्त की कमी है,कल क्या होगा,खुदा जाने |




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