Mere Dil Se.....

सोमवार, 22 नवंबर 2010

(५५) बिगडेल बाराती

बारात समय से तीन घंटे पहले ही आ पंहुँची
पर बेटी वाले के घर से तीन मील दूर पंहुँची
रास्ता भटक गये थे बेचारे
आखिर पकवानों की खुशबू सूंघते-सांघते
पहुंचे बेटी वाले के आस-पास
एक जान-पहचान वाले ने आश्रय दिया
ठंडे पानी के अलावा,एक गरम प्याला चाय भी दिया |
बारातियों में एक थे,एक सही एक बटा दो
(आप समझ गये होंगे ) दरअसल वो कुछ काणें थे
चाय का जो प्याला दिया उन्हें ,कहा फेंक दो
हमनें चटकी ली,पूछा कंहा? -- वे बोले
मेरे उप्पर --
पास खड़ा था एक गधा
दे मारा हमने उसी पे वो चाय का प्याला
काटो तो उन्हें खून नहीं |
खैर---लड़की वाले के घर पंहुंचे
रिसेप्शन में मिला ठंडा कोका-कोला
हो गये जल कर वो आग-बबूला
बोले 'ये क्या मजाक' ?
पहले ठंडा,फिर गर्म, फिर ठंडा
उपर से हमें गधा समझ मारा एक डंडा
हम बोले
'श्रीमान एक सही एक बटा दो जी
ये तो आधी को एक करने का 'सेम्पल है
अभी तो पूरा 'ओपरेशन बाकी है |
डेढ़ आँख उनकी,ओर ऊपर से उनका सदव्यवहार
हमें उनकी नेता गीरी पर कोई शक न रहा
अपने कुछ खास लोगों को हमने बताया
'इनकी चमचागिरी करो
येही हैं,बनाने-बिगाड़ने वाले
हर बारात में,एक ऐसा मोहरा ज़रूर होता है
बात लोगों को जची
खूब उनकी सेवा की,खूब लगाया मश्का
पर ये क्या,पड़ गया था उन्हें अब
इन सब का चश्का---
किसी से सुना वे भूतों से डरतें हैं
बने भूत रात में,उतारा उनका भूत बात ही बात में
कहने लगे अब बस करो,कोई भी खलल अब
नहीं होगा बारात में------
"पवन पागल"हर बारात में ऐसा एक शक्श ज़रूर होता है
जो बनते काम को बिगाड़ता है बात-बात में|

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