Mere Dil Se.....

सोमवार, 15 नवंबर 2010

(४३) ऐसा क्यों?

जो बारिश आये, ओर में ना भीगूँ
ऐसा हो नहीं सकता|
जो तूफ़ान आये,ओर में ना डूबूँ
ऐसा हो नहीं सकता|
जो बैशाखी के सहारे चलूँ, ओर ना गिरुं
ऐसा हो नहीं सकता|
जो उसूलों में रह कर, ठोकर ना खाऊँ
ऐसा हो नहीं सकता|
जो तरक्की को, अपनी गिरफ्त में कर लूँ
ऐसा हो नहीं सकता|
जो कामयाबी मिले,ओर में उसे पकड़ लूँ
ऐसा हो नहीं सकता|
जो लोग जी भर के लूटें, ओर में ना लूटूं
ऐसा हो नहीं सकता|
जो सच बात कहे बैगेर, में ना रुकूँ
ऐसा हो नहीं सकता|
जो लोग मुझे तोडना चाहें, ओर में ना टूटूं
ऐसा हो नहीं सकता|
जो जिंदगी में बहार आये,ओर उसका में मज़ा लूँ
ऐसा हो नहीं सकता|
जो ऐसी जिंदगी जीउँ, ओर सच्चा हमसफ़र भी साथ ना रखूं
ऐसा हो नहीं सकता|
जो" पवनपागल"उसकी मेहरबानियाँ रहें,ओर में ज़िन्दा न रहूँ
ऐसा हो नहीं सकता|

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