Mere Dil Se.....

सोमवार, 15 नवंबर 2010

(४२) हकीकत

हज़ार बातें ओर उनका गम
जिंदगी के साथ चलती हैं
मोती बनी-जो सीप में गिरी शबनम
वैसे तो बरसात होती ही रहती है |
उम्र काटे नहीं कटती
बैगेर किसी काम के
किससे कहें क्यों नहीं कटती?
कटती है सिर्फ उसकी मदद से?
अब कुछ याद नहीं,कल क्या हुआ था?
मैं जाग रहा था,सारा आलम सोया था
मैं जिंदगी के हिसाब-किताब में उलझ गया था
कहीं आग लगी थी ,उसे भुजाने गया था|
जो तोड़-मरोड़ कर बातें करतें हैं
उसमें कुछ ही सच्चाई होती है
जो मुंह पर साफ बक देतें हैं
उसमें सच्चाई ही सच्चाई होती है|
जिसने कभी दुनिया को कुछ दिया ही नहीं
अपने लिए भी कभी कुछ खर्च किया ही नहीं
"पवन पागल"वो क्या ख़ाक मिशाल कायम करेंगे
जिंदगी भर घुट-घुट के अपने ही घर में मरेंगे|

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