जाने अनजाने तुम जो भी करो
पर शराब से तोबा करो
नुकसान इसके बहुत हैं,तुम हो अनजानें
तुम इसे नहीं पीते,ये तुम्हे पीती है|
शराब का नशा,थोड़ी देर के लिए
तेरी आँख का नशा,उम्र भर के लिए
कुछ वक़्त उसकी आँख से,आँख मिलालो
मदहोश हो जाओगे,जिंदगी भर के लिए|
जो मिले उसका साथ,जिंदगी संवर जाएगी
पहले जो रोकर या रुलाकर कटती थी
वो अब हंसी-ख़ुशी कट जाएगी
वरना नैया बीच भंवर में ही ,फंस जाएगी|
किसी के कहने से कोई नहीं छोड़ता है
तुम खुद ही इसे छोड़ सकते हो
वो तुम्हारी नोकर है,तुम उसके नोकर नहीं
उससे नाता जोड़ो,जिसे कोई तोड़ सकता नहीं |
रात-दिन काम में मशगूल रहो
पीने के सभी बहानों को ठोकर मारो
ऊपर वाले को देख कर ,रोते रहो
शाम को अपनी सूरत,आईने में देखते रहो |
छोड़ो सभी दर्द के बहाने
अपने दर्द को दूसरों के दर्द में मिला दो
तुम्हें मिल जायेंगे,जिंदगी के सही मायने
इस लडखडाती जिंदगी को,नई रफ़्तार दो |
जो घर की ओरतें भीं ,पीने लग जांयें
क्या तुम बर्दाश्त करोगे ?
बर्दाश्त करना तो दूर
दूसरे ही दिन तोबा करोगे |
आप ओर पूरा परिवार सुख से रहोगे
दुनिया के लिए कुछ कर पाओगे
"पवन पागल"की लेखनी को, धन्य कर जाओगे
जो शराब को अपने से,दूर भगाओ गे |
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