तू सवाल करे ओर मैं जवाब ना दूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं
दरिया में नदी मिले ओर मैं मिलने ना दूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं|
तेरी हर तम्मना को मैं पूरा ना करूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं
रोज नित्य तेरी पूजा ना करूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं|
तेरे अच्छे उपदेशों की में तारीफ ना करूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं
तेरा पसीना बहे ओर में कुछ भी ना करूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं|
तू अकेले सफ़र में जाये ओर तेरे साथ ना चलूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं
तू दिल से पुकारे ओर मैं सुन ना पाऊँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं|
तू मुझे संवारता रहे ओर मैं तुझे संवर ने ना दूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं
तू आगे-आगे चले ओर मैं क़दमों को रफ़्तार ना दूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं|
तेरी ख़ुशी के लिए मैं अपना सब कुछ गवां ना दूँ
ऐसा मुमकिन तो नहीं
"पवन पागल"तेरी ख़ुशी के लिए मैं अपने लब खोलूं
ऐसा मुमकिन तो नहीं |
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