थोडा ऊँचा हुआ था, पर हमसे नीचा ही रहा
'गंजे को नाख़ून मिले', कुछ ऐसा ही रहा |
अपने आपको तीस-मारखां 'मार्डन ' समझता था
अपनी ही सूरत पर, खुद ही मरता था |
बहुत अभिमान था,उसे अपने आप पर
बड़ा खुश होता था,हमें गुमराह कर|
सही को गलत ,गलत को सही बताना
मानों उसका पेशा था|
खुद अपना नुकसान कभी न करता
दूसरों को नुकसान के,नुक्कशे बताया करता|
पर हम तो उसके गुरु थे
सुनते उसकी,मानते मन की|
इसीलिए अब तक हमारे सर पर बाल हैं
ओर वो कभी का टकला हो गया |
वो हमेशा 'ड्राई एरिये' को बताता था 'जेंटरी प्लेस'
सलवार को बताता था 'सलेक्स
इस तरह वो करता हमें 'मिसप्लेस' |
बांतों का न था,उसके पास कभी 'एन्ड'
हर किसी को बताता अपनी 'गर्ल-फ्रेंड' |
'ब्यूटी' की तुलना पनीर से करता
कहता 'क्या चीज' है?
पनीर को कहता,' हाउ स्वीट यू आर'
हकीकत में उसका,कोई यार ही नहीं था |
बरसांत का मोंसम था,एक दिन बोला
'यार" बीयर "होनी चाहिये
हमने कहा ज़रूर
पर "पवन पागल"
'बीयर' करने वाला भी,होना चाहिये |
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