Mere Dil Se.....

शनिवार, 13 नवंबर 2010

(४१) शिवमय

जो टूट गया,वो भिखर गया,
जो मन से हारा,वो मर गया|
जो नेकी के लिए मिट गया,वो अमर होगया,
जो दिल के लिए मिटा,वो दिलदार होगया|
जो मोह-माया से दूर होगया,वो जग में तर गया,
जो लोभ-लालच में फंस गया,वो नर्क में गया|
जो सपनों में रहगया,वो कंही खोगया,
जो हकीकत में जी गया,वो कामयाब होगया|
जो प्यार में गया,वो बेकार होगया,
जो प्यार को पागया,वो निहाल होगया |
जो किसी की बैशाखी बन गया,वो चल गया,
जो सारथी बन गया, वो धन्य होगया|
जो धूप में नहाया,वो सफल होगया,
जो मोज-मस्ती में रह गया,वो असफल होगया|
जो "पवन पागल" 'गम' पी गया,वो जी गया,
जो सारे ज़हरों को पी गया,वो "शिवमय" होगया|

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें