Mere Dil Se.....

मंगलवार, 23 नवंबर 2010

(६०) बेईमानी-रिश्ता

ये रिश्ता शादी का,बेईमानी सा लगता है,
जब हम-सफ़र साथ न दे|
ये रिश्ता-----
होना उनका,अजनबी सा लगता है,
जब हम-सफ़र साथ न दे|
ये रिश्ता--------
हम गैरों की,बांहों में क्यों रहतें हैं?
सिर्फ इसलिए,की हम-सफ़र साथ न दे|
ये रिश्ता-----
क्या खता है मेरी,जो मैनें ओरों को चाहा ?
अपनों ने पूछा नहीं कभी |
ये रिश्ता------
हम बरबाद हो गये, खुशियों की चाहत में,
उन्हें आसमान मिला,हमें जमीं भी नहीं |
ये रिश्ता------
क्यों आंती हैं खुशियाँ, इस सूने जीवन में,
"पवन पागल" उन्हें बरसांत मिलें,हमें सूखा भी नहीं |
ये रिश्ता------

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