Mere Dil Se.....

बुधवार, 24 नवंबर 2010

(६४)ये हसरतें

मुझे तोड़कर तुम,यूँ ही मत फेंक देना
मैं बड़ी मुश्किल से खिला हूँ,
होसके तो मुझे कुछ अपनी परछाइयाँ देनां
मैं धूप में बहुत झुलश चूका हूँ |
मुझे परछाईयौं में रहकर खिलने देना,
मैं धूप में कभी खिला नहीं हूँ
होसके तो मुझे अपनी पनाह देना,
मैं बहार आने से डरा हुआ हूँ |
मुझ से बिछुड़ कर तुम,यूँ ही मत चले जाना
पास से देखना,मैं ख़तम ही हूँ
होसके तो मुझे कुछ,सहारा देना
मैं तुम्हें दूर जाते न देखना चाहता हूँ |
मैं जब भी रुखसत हूँ,अपने पास ही जगह देना,
मैं बड़ी हसरत लिये जारहा हूँ
होसके तो "पवन पागल" को अपना प्यार देना
जिंदगी भर साथ रहने का,अपना वादा देना|

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