Mere Dil Se.....

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

१०३.वक़्त का तकाज़ा

मोसमों का मिज़ाज बदलता ही रहेगा
जो आज है अपना,कल सपना रहेगा
इसे कसके पकड़ कर रखा जाये
वक़्त है-भागता है-भागता ही रहेगा |
कब तक आदमी दूसरों के भरोसे रहेगा
जो न किया कुछ,वो गुमनाम रहेगा
मरने से पहले,कुछ नाम कमा लिया जाये
जमाना है-बदलता है-बदलता ही रहेगा |
गिरना रुक जायेगा,जो दोड़ता ही रहेगा
जो गिरने से डरा,वो सफ़र में कहाँ रहेगा ?
हिम्मत से हँस कर जिंदगी गुजारी जाये
सफ़र है-चलने का-चलता ही रहेगा |
वक़्त ज़माने के साथ,कभी रुका नहीं रहेगा
जिसने आज न की इसकी कद्र,कल ज़रूर मरेगा
क्यों न इसके थपेड़े सहते,इसको पीछे छोड़ा जाये?
"पवन पागल" ये आज़ाद पंछी है,आज़ाद ही रहेगा |

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