दिल में दर्द माथे पर शिकन दे गये,मोहब्बतों के हादसे
दुबारा संभल कर करें मोहब्बत,ये हिदायत देगये हादसे
तमाम आरजुओं को दरकिनार कर गये ये आवारा हादसे
कुछ और जिंदा रहते,और जीने की उम्मीद तोड़ गये हादसे |
मुझे ही क्या! बहुतों को ठोकर मारतें हैं हादसे
क्यों बे-वक़्त सर ऊँचा किये,चले आते हैं हादसे
जब भी कुछ करने की सोची,होजातें हैं हादसे
अच्छों-अच्छों के होश उड़ा जातें हैं हादसे |
अछे-खासे लोगों को ,जिंदा लाश बना जाते हादसे
दोस्त को दुश्मन,दुश्मन को दोस्त बना जाते हादसे
जरा सी बात पर,नाजुक दिलों को तोड़ते हादसे
दो मुल्कों के रिश्तों को बे-वजह,तोड़ते हादसे |
गल्ती करने वालों को,खामोश रखते हादसे
न गल्ती करने वालों को,मदहोश रखते हादसे
आदमी को ओरत,ओरत को आदमी बनाते हादसे
कभी राजा को रंक,रंक को राजा बनाते हादसे |
अपनी कारगुजारियों पर,दिल ठोककर हँसते हादसे
दुसरें जो भला करना चाहें,उस पर भी ठांस लगते हादसे
"पवन पागल' मोत की तरह ही,बिना बताये आते हादसे
सभी की होली जला देते,ये कमबख्त कमीने हादसे |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें