Mere Dil Se.....

बुधवार, 1 दिसंबर 2010

८५.नेक इरादे

बैठो उनके पास,जो महकते हों
वो ही फूल बोयें जांये,जो सुघंदित हों
जो न रह पायें,किसी उसूल पे कायम
उनसे दोस्ती न हो,तो दुश्मनी भी न हो |
विषेले साँपों के बीच,रहना तो पड़ता है
क्या चन्दन पर साँपों के जहर का असर होता है ?
चन्दन बन,घिस-घिस कर काम आते रहो,
जहर तो रहेगा ,पर अपनी महक को बढ़ाते रहो |
जो अपने मतलब के लिए,चहकते हों
उस कलरव से हमारा ,कोई नाता न हो
उनसे दोस्ती करो,जो सब के दोस्त हों,
फिर लोगों की क्या परवाह,बस हमारे इरादे नेक हों |
जो देखें हिमालय को,अगले कदम हिमालय पर हों
वो ही कुआ खोंदें,जिसमें सब के लिये पानी हो
"पवन पागल" आग सीनें में हो,पर लोगों को खबर न हो,
कल की फ़िक्र क्यों हो,न जाने कल हो न हो |

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