Mere Dil Se.....

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

१०६.कुछ जचता नहीं

रेशमी सलवार पे,सूती कुर्ता कुछ जचता नहीं
छोटे कद की महिलाओं पे,छोटा कुर्ता जचता नहीं |
ऊँचे घर की लड़कियों से,घर-परिवार चलता नहीं
छोटे-मोटे कामों में भी,दिल उनका लगता नहीं |
ऊँचे परिवार वालों को,कोई रिश्ता जचता नहीं
ढेरों रिश्ते आये,पर कोई रिश्ता जचता नहीं |
दिन भर सोते-जागते ,टीवी से मन भरता नहीं
मतलब की बातें सुनते नहीं,दिल उनका घर में लगता नहीं |
जो बंद हुए तंबाखू लाल-मंजन ,घर के कामों में जी लगता नहीं
जो बाल रंगे नहीं गये,तो चितकबरे बालों में सिंदूर जचता नहीं |
खाते कुछ भी नहीं,खाया हुआ कुछ पचता नहीं
मुँह से डकारें आती रहें,ये पाचन कुछ जचता नहीं |
न आने की चीज मुँह से आये,ये कुछ जचता नहीं
"पवन पागल"नाज़ुक रिश्तों में ताने मारें जायें,ये कुछ जचता नहीं |

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