pawanpagal
................Right from the Heart!!
Mere Dil Se.....
सोमवार, 11 अक्टूबर 2010
(२) फासला
सर्दी, गर्मी ,बरसात मैं
जब भी फटाव आता है
तो
मन का फटाव
कम हो जाता है |
पल भर अपनो की याद मैं
जब मन खो जाता है
तो
'पवन पागल' मीलों की दूरी का फासला
गज भर का रह जाता है|
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