मेरी आँखों ने चुना है, तुझको दुनिया देख कर,
ओर किसी का चेहरा अब में क्यों देखूं, तेरा चेहरा देख कर|
मेरी आँखों --------------------------------
तमाम तसवीरें फीकी लगतीं हैं, तुझ को देख कर,
दूसरी ओर अब में क्यों रुख करूँ, तुझे रूबरू देख कर|
मेरी आँखों--------------------------------
तमाम ख़ुशी मिल जाती है,तुझको रूप-ध्यान में देख कर,
ओर किसी रूप को अब में क्यों देखूं, तेरा रूप देख कर|
मेरी आँखों----------------------------------
तुझे साथ लेकर में बहुत खुश हूँ, परली दुनिया देख कर,
अगला-पिछला अब में क्यों कर जानूं , तुझे देख कर|
मेरी आँखों --------------------------------
मुझे अब जीना सार्थक लगता है,तुझ को देख कर ,
परमाणु मुझे बेकार लगता है,तेरा 'अणु रूप 'देख कर |
मेरी आँखों-----------------------------------
मुझे अब ज़िन्दगी के मायने पता लग गए हैं,तुझ को देख कर,
एक ही आँख,एक ही निशाना,लगाना है तुझे देख कर|
मेरी आँखों-----------------------------------
बहुत देर से चुना है तुझको,अपनी तमाम उम्र गवां कर,
"पवन पागल"अब तुझसे दूर नहीं हो पाऊँगा ,तुझे देखकर |
मेरी आँखों------------------------------------
('श्री जगत गुरुतम कृपालु जी महाराज की सेवा में')
Good one....
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