Mere Dil Se.....

शनिवार, 23 अक्टूबर 2010

(२९) नाकाम कर्म

हम लोग सपनों में ही,खयाली पुलाव बनाते हैं,
ओर सपनों को ,हकीकत में बदलने के लिए ,
हम लोग खूब बढ़-चढ़ कर बोलतें हैं,
इसीलिए हम असली कर्म करने में नाकाम रहतें हैं|

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें