Mere Dil Se.....

गुरुवार, 14 अक्टूबर 2010

(१७) नाजुक रिश्ता

तेरी याद ने तड़फा दिया है सनम,
तू मिल जाये, तो मिट जाये ये गम|
अनजान रिश्तों को पहेले काँच में देखा करते थे हम,
बुजुर्गों ने काँच हटा लिया, ओर रिश्ता पक्का कर दिया एकदम|
पहली बार तुझे दूर से देखा था हमदम
कुछ घडी का साथ था वो
जिसमे मिले थे हम|
तेरी याद-------------
कई साल लम्बी जुदाई में गुजर गए,
न तुम को मुझ से मिलने दिया गया,
न मुझ को तुम से मिलने दिया गया,
न तुम ने मुझ में देखा था,न मैंने तुझ में देखा था,
पर लोगों ने इतना ही काफी समझा-
दो लोगों की जिंदगी का फैसला,
तुरंत- फुरंत कर दिया उसी दम|
तेरी याद----------------
इतनी लम्बी जुदाई,ओर ऊपर से,
मिलने -मिलाने पर सख्त पहरा,
"पवन पागल"ये जुदाई अच्छे-अच्छों को मार देती है,
ओर नाज़ुक रिश्तों में ,कडुवाहट घोल देती है|

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