Mere Dil Se.....

बुधवार, 13 अक्टूबर 2010

(९) इंतजार

उनकी आरजू का दिया जल ही गया,
वो मिलें ना मिलें,ये गम तो हमें मिल ही गया |
कितना फर्क है,उस दिए में जो जलता था,कभी अँधेरे में
आज वही, जलते हुए भी भुज गया|
उनकी---------
आँखों में आँसू होते तो हैं,पर फर्क होता है उनमें,
कभी वो दरिया थे,आज मोती से लटकते हैं |
क़ाश की वो आज साथ होते,ये तो मलाल ही रहगया,
वो कभी मिलेंगे,ये तो इंतजार ही रहगया |
कितना फर्क है उस इंतजार में,जो कभी किया था उजालों में,
आज उन्ही लम्हों को समेटते हुए मैं जर-जर हो गया,
मैं ही नहीं मेरा छोटासा आंसियाँ भी तितर-बितर होगया
"पवन पागल"आज उनके इंतजार में दर-बदर होगया |
उनकी ------------

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