pawanpagal
................Right from the Heart!!
Mere Dil Se.....
शनिवार, 23 अक्टूबर 2010
(२६) श्रेष्ठ साधना
दूसरों को सम्पूर्ण सुख देना,
ओर
अपनी मुक्ति को तिलांजलि देना |
1 टिप्पणी:
satyamshivamsundaram
2 नवंबर 2010 को 7:43 am बजे
could not understand, pl eloborate....
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